मैं सब कवियों से कहता हूँ तुम सौम्य और मृदुभाषी बनो, देश के हित और अहित पर जब आए बात मैं सब कवियों से कहता हूँ तुम सौम्य और मृदुभाषी बनो, देश के हित और अहित पर ज...
आज तार तार से वाक़िफ हूं कल जार जार को तरसा था। आज तार तार से वाक़िफ हूं कल जार जार को तरसा था।
दिल तो करता है खूब कोसूं अपनी माँ को जिसने घर घर मिठाईया बांटी थी मेरे आने से, ना स दिल तो करता है खूब कोसूं अपनी माँ को जिसने घर घर मिठाईया बांटी थी मेरे आने स...
कवि थे, कवि हैं,कवि होंगे,कवि रहेंगे तुम्हारे अमिट निशान, सारे जगत के कवियों को पहुंचे कवि थे, कवि हैं,कवि होंगे,कवि रहेंगे तुम्हारे अमिट निशान, सारे जगत के कवियों ...
आँखों को झील,चेह्रे को कंवल नहीं कहता मुहब्बत से लबरेज़ कोई गज़ल नहीं कहता । मेरी रौ आँखों को झील,चेह्रे को कंवल नहीं कहता मुहब्बत से लबरेज़ कोई गज़ल नहीं कहता । ...
कभी-कभी ज़िन्दगी से हताश हो जाते हैं हम खास तौर पर तब जब हम जैसा सोचते हैं वैसा नहीं होता है। कभी-कभी ज़िन्दगी से हताश हो जाते हैं हम खास तौर पर तब जब हम जैसा सोचते हैं वैसा न...